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मंगल की महादशा में बाकी ग्रहों की अन्तर्दशा का फल ।।



मंगल की महादशा में बाकी ग्रहों की अन्तर्दशा का फल। Mangal Mahadasha me Baki Grahon Ka fal.


मित्रों, आज हम बात करेंगे ग्रह दशा के विषय में । किसी भी ग्रह की महादशा के अंतर्गत सभी ग्रहों की अंतर्दशा आती है । वो अंतरदशा जातक को किस प्रकार का फल देती है, इस विषय में हम आज बात करेंगे ।।

तो आइये आज हम मंगल की महादशा में बाकी सभी ग्रहों की अंतर्दशा किस प्रकार का फल देती है, इस विषय में विस्तृत चर्चा करेंगे । तो आइए आज हम मंगल की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा किस प्रकार का फल देती है, इस विषय में जानते हैं ।। मित्रों, यदि मंगल कारक होकर उच्च राशि, स्वराशि, मित्र राशि अथवा शुभ प्रभाव से युक्त हो तो अपनी महादशा में अपनी दशाभुक्ति में जातक को परमोत्साही बनाता है । यदि जातक सेना या पुलिस में हो तो उसे उच्च पद मिलता है । इष्ट-मित्रों से लाभ मिलता है, कवि-व्यवसाय की उन्नति होती है ।।

मित्रों, यदि मंगल कारक होकर उच्च राशि, स्वराशि, मित्र राशि अथवा शुभ प्रभाव से युक्त हो तो अपनी महादशा में अपनी दशाभुक्ति में जातक को परमोत्साही बनाता है । यदि जातक सेना या पुलिस में हो तो उसे उच्च पद मिलता है । इष्ट-मित्रों से लाभ मिलता है, कवि-व्यवसाय की उन्नति होती है ।। जातक क्रूर कर्मों से विशेष ख्याति अर्जित करता है । शत्रुओं को समूल नष्ट करने में सक्षम ही जाता है । यदि अशुभ क्षेत्री अथवा नीच राशि का मंगल हो तो अपने दशाकाल में अवस्था-भेद से अनेक अशुभ फल प्रदान करता है ।।

धनधान्य व पैतृक सप्पत्ति का नाश हो जाता है । बलात्कार के केस में कारावास होता है एवं क्रोधावेग बढ़ जाता है । माता पिता व इष्ट मित्रों से वैचारिक वैमनस्य हो जाता है । दुर्घटना के योग बनते है, रक्तविकार, रक्तचाप, रक्तार्श, रक्तपित्त, बिजली से झटका लगने से देह कृशता, नकसीर फूटना जैसी व्याधियों की चिकिंत्सा पर धन का व्यय होता है ।।

मित्रों, मंगल की महादशा यदि आपके ऊपर चल रही हो और अंतर्दशा में सूर्य आता है तो ऐसा जातक तीक्ष्णता, साहस में तत्परता, राजा से संग्राम में पूज्यता, प्रशंसा और धनागमन होता है ।। मित्रों, आपकी कुंडली में यदि मंगल की महादशा चल रही हो और अंतर्दशा में जब चंद्रमा आए तो ऐसा चंद्रमा जातक को अनेक प्रकार से धन का आगमन करवाता है । हर प्रकार के सुख, हर तरफ से लाभ एवं मित्रों और रत्नों की प्राप्ति होती है ।।

मित्रों, आपकी कुंडली में मंगल की महादशा में जब बुध की अंतर्दशा आए तो ऐसा बुध जातक को शत्रु और चोर से भय तथा मानसिक संताप दिलाता है ।।

मित्रों मंगल की महादशा में जब गुरु की अंतर्दशा आए तो जातक गुरु की अंतर्दशा में शुद्ध हृदय से सत्कर्म और धर्म का आचरण करता है । तथा अपने धार्मिक कर्तव्य कर्मों के वजह से सभी सुखों को सहजता से प्राप्त करता है ।। मित्रों, मंगल की महादशा आपके ऊपर चल रही हो और अंतर्दशा में जब शुक्र आए तो ऐसा शुक्र जातक को युद्ध में पराजय, अनेक प्रकार की व्याधियाँ एवं अनेक प्रकार का व्यसन देता है । ऐसे जातकों को मंगल की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा जब आए तो चोर से भय एवं प्रवास के वजह से बड़ी मात्रा में धन की हानि होती है ।।

मित्रों, मंगल की महादशा में शनि की यदि अंतर्दशा आए तो ऐसा शनि अपनी अंतर्दशा में जातक को विपत्तियों पर विपत्तियों को झेलने के लिए मजबूर कर देता है । ऐसे जातकों को मंगल की महादशा के अंतर्गत शनि की अंतर्दशा में जन एवं धन दोनों की भारी मात्रा में हानि का सामना करना पड़ता है ।। मित्रों, मंगल की महादशा के अंतर्गत राहु और केतु की अंतर्दशा आए तो उन ग्रहों के प्लेसमेंट के आधार पर यह निर्धारित किया जाता है, कि वह शुभ फल देंगे अथवा अशुभ फल देंगे । वैसे मंगल की महादशा में राहु और केतु की अंतर्दशा शुभ नहीं होती है ।।

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।।। नारायण नारायण ।।।

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