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जन्मकुण्डली का तीसरा घर आपके जीवन में क्या भूमिका रखता है ।। The third home of your horoscope.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,


मित्रों, जन्मकुण्डली के तीसरे घर को वैदिक ज्योतिष में बन्धु भाव कहा जाता है । स्वभावतः जैसा कि इस घर के नाम से ही स्पष्ट है, कुण्डली के इस घर से जातक के अपने भाई-बंधुओं, दोस्तों, सहकर्मियों तथा पड़ोसियों के साथ संबधों का पता चलता है ।।

किसी व्यक्ति के जीवन काल में उसके भाईयों तथा दोस्तों से होने वाले लाभ तथा हानि के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कुण्डली के इस घर का ध्यानपूर्वक अध्ययन करना आवश्यक होता है । जिन जातकों की कुण्डली में तीसरा घर बलवान होता है तथा किसी अच्छे ग्रह के प्रभाव में होता है....

ऐसे व्यक्ति अपने जीवन काल में अपने भाईयों, दोस्तों तथा समर्थकों के सहयोग से सफलतायें प्राप्त करते हैं । जबकि दूसरी ओर जिन व्यक्तियों की जन्मकुण्डली में तीसरे घर पर एक या एक से अधिक बुरे ग्रहों का प्रभाव होता है, ऐसे व्यक्ति अपने जीवन काल में अपने भाईयों तथा दोस्तों के कारण बार-बार हानि उठाते हैं ।।


मित्रों, ऐसे जातकों के दोस्त या भाई इनके साथ बहुत जरुरत के समय पर विश्वासघात भी कर सकते हैं । ऐसे जातकों के दोस्त आम तौर पर इनकी पीठ के पीछे इनकी बुराई ही करते हैं । शरीर के अंगों में यह घर कंधों तथा बाजुओं को दर्शाता है तथा विशेष रूप से दायें कंधे तथा दायें बाजू को दर्शाता है ।।

इसके अलावा यह घर मस्तिष्क से सम्बन्धित कुछ हिस्सों तथा सांस लेने की प्रणाली से भी सम्बन्ध रखता है । इस घर पर किसी भी बुरे ग्रह का प्रभाव जातक को मस्तिष्क से सम्बन्धित रोगों अथवा श्वास से सम्बन्धित रोगों से पीड़ित कर सकता है ।।

मित्रों, इसके अतिरिक्त तीसरे घर पर किसी बुरे ग्रह का प्रभाव जातक को कंधे या बाजू की चोट या फिर लकवा जैसी बीमारी से भी पीड़ित कर सकता है । कुण्डली का तीसरा घर जातक के पराकर्म को भी दर्शाता है । इसलिये कुण्डली के इस भाव को पराक्रम भाव भी कहा जाता है ।।


शारीरिक मेहनत के बल पर खेले जाने वाले खेलों में जातक की रुचि तथा प्रगति देखने के लिए भी कुण्डली के इस घर का अध्ययन आवश्यक है । कुण्डली के तीसरे घर से व्यक्ति की बातचीत करने की कुशलता, लेखन कला तथा लोगों के साथ व्यवहार की कला का भी पता चलता है ।।

मित्रों, जिन जातकों की जन्मकुण्डली में तीसरा घर किसी शुभ ग्रहों से प्रभावित होता है, ऐसे जातक आम तौर पर व्यावहारिकता के मामले में बहुत कुशल होते हैं । इसी वजह से ये लोग सामाजिक कार्यों में सफलता प्राप्त करते हैं । जिन कार्यों में लोगों के साथ बातचीत करने के अवसर अधिक से अधिक होते हैं ।।

ऐसे व्यक्ति अपनी बातचीत की कुशलता के चलते आम तौर पर मुश्किल से मुश्किल काम भी बातचीत के माध्यम से सुलझा लेने में सक्षम होते है । दूसरी ओर कुण्डली के तीसरे घर पर किसी अशुभ ग्रहों का प्रभाव होता है तो ऐसे जातक का जन व्यवहार तथा बातचीत का कौशल इतना अच्छा नहीं होता जिसके वजह से ऐसे लोग सामाजिक कार्यों में ज्यादातर सफल नहीं हो पाते ।।


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।।। नारायण नारायण ।।।

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