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सर्वोच्च विद्या प्राप्ति के लिये करें ये उपाय ।। Higher Education Bachchon Ke Liye.

हैल्लो फ्रेंड्सzzz.


मित्रों, हरएक पिता का सपना होता है, कि उसका बेटा हायर एजुकेशन प्राप्त करे । इसके लिये सर्वोच्च शिक्षा प्राप्ति हेतु बहुत से माँ-पिता अपने बच्चों को विदेश तक भेजते हैं । परन्तु बच्चा वहां पढ़ाई के बदले गोरी मेम से चक्कर चलाने लगता है । अभिप्राय ये है, कि अगर पढ़ाई का योग न हो तो आप अपने बच्चे को धरती के किसी भी कोने में भेजेंगे विद्या प्राप्त नहीं हो सकेगा ।।

ऐसा भी नहीं है, कि केवल भगवान के भरोसे बैठने से भी विद्या प्राप्त हो जाय । परन्तु हमें हमारी संस्कृति हमारे शास्त्रों पर भरोसा तो रखना ही चाहिये । बच्चे की जन्मकुण्डली के अनुसार हमें ये सुनिश्चित करना चाहिये कि कहीं बच्चे की कुण्डली में कोई दोष तो नहीं है ? अगर है तो उसकी शान्ति का कोई असरदार उपाय हमें अवश्य करने-करवाने चाहिये ।।

मित्रों, घर में भी कुछ नकारात्मक वस्तुयें जिसके वजह से आपके धनहानि से लेकर बच्चे के स्वास्थ्य आदि पर भी बुरा असर पड़ता है । इन बुरे प्रभावों के वजह से भी बच्चा चाहते हुये भी पढ़ नहीं पाता । इसके लिये कई वस्तु टिप्स हमने लिख रखे हैं देखें अथवा किसी वास्तु विशेषज्ञ से अपना घर दिखायें । विद्या प्राप्ति का एक यन्त्र भी आता है जिसे आप अवश्य आजमायें ।।


इस यंत्र को आप गूगल में सर्च कर सकते हैं, अथवा बाजार में दुकानों पर विद्या प्राप्ति यन्त्र आसानी से मिल जाता है । संभव हो तो बच्चे से स्वयं भोजपत्र पर इस यन्त्र को निर्मित करवायें । इसके लिये किसी शुभ मुहूर्त में चांदी या कांस्य की थाली में, केसर की स्याही से, अनार की कलम से यन्त्र का निर्माण करवाकर  सविधि पूजन करवायें । पूजनोपरान्त माता सरस्वतीजी की आरती करें करवायें ।।

मित्रों, एक अन्य कांस्य की थाली में कुमकुम से यन्त्र बनाकर उसी में भोजन परोसकर चार ग्रास मा शारदा को अर्पित करें । श्री सरस्वत्यै स्वाहा, भूपतये स्वाहा, भुवनपतये स्वाहा, भूतात्मपतये स्वाहा इन मन्त्रों से 4 ग्रास अर्पण करके उस भोजन को बच्चा स्वयं भोजन ग्रहण करे । पूजन वाले यन्त्र को यथास्थान रहने दें एवं थाली में बनाये गए यन्त्र पर ही भोजन परोसें उसे धोना नहीं है ।।


इस  उपाय को इसी प्रकार 14 दिनों तक नित्य करने से यन्त्र का प्रभाव मन-मस्तिष्क के स्नायु तंत्र को सक्रिय कर देता है जिससे मनन एवं स्मरण की शक्ति बढ़ जाती है । बच्चे में धैर्य और मनोबल की वृद्धि होती है तथा मस्तिष्क पूरी तरह सक्रिय एवं पूर्ण सक्षम हो जाता है । स्मरण शक्ति बढ़ती है और विद्या प्राप्ति सहजता से स्वयं ही होने लगती है ।।

मित्रों, जन्मकुण्डली के माध्यम से सुनिश्चित करें कि कहीं आपके बच्चे की कुण्डली में राहू का बुरा असर चन्द्रमा पर तो नहीं है ? अगर ऐसा कुछ भी है तो राहू के अशुभ प्रभावों से मुक्ति अष्टधातु का कड़ा दिलाता है । राहु के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिये एक अष्टधातु से निर्मित कड़ा धारण करवायें । शनि द्वारा विद्या दोष हो तो शनिवार की शाम को पीपल के जड़ में घी का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करवायें ।।


विद्या दोष निवृति हेतु तथा बच्चे की स्मरण शक्ति में चमत्कारिक वृद्धि के लिए श्रावण महीने में भगवान शिव शंकर का रुद्राभिषेक करवायें । कहीं किसी गाय को देखें जो अपने बछड़े को दूध पिला रही हो तो उसे कोई पौष्टिक आहार खिलायें । खिलाकर गौ माता से प्रार्थना यह करें की हे माता मैंने आपके बच्चे की वृद्धि हेतु आपको पौष्टिक आहार प्रदान किया है, आप मेरे बच्चे को विद्या दें ।।

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।।। नारायण नारायण ।।।

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